कश्मीर में भी ऐसा ही हुआ था पण्डितों पर

जैसा कश्मीरी पण्डितों के साथ हुआ था वैसा ही रोहिंग्या  के साथ हो रहा है

नई दिल्ली। इन दिनों पूरे भारत में रोहिंग्या मुसलमानों की चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि किस तरह म्यांमार की सेना रोहिंग्या मुसलमानों पर जुल्म ढा रही है। वो देश छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। मोदी से अपील की जा रही है कि वो रोहिंग्या मुसलमानों को मदद करें। बता दें कि ठीक ऐसे ही अत्याचार भारत के कश्मीर में पण्डितों पर हुए थे। उनके घर जला दिए गए थे। बेटियों से बलात्कार किए गए। भाई और पिता की हत्याएं कर दी गईं। पण्डितों को जान बचाने के लिए अपनी सारी संपत्ति छोड़कर कश्मीर से बाहर भागना पड़ा। आज भी वो पुराने दिन याद करके सिसकते रहते हैं।
बता दें कि म्यांमार में 25 अगस्त को शुरू हुई हिंसा में कम से कम 400 रोहिंग्या मुस्लिम मारे गए हैं। वहीं करीब 1,46,000 भूखे और भयभीत रोहिंग्या बांग्लादेश के लिए पलायन कर चुके हैं। सैटेलाइट तस्वीरों में दिखा कि म्यांमार सेना ने दर्जनों रोहिंग्या गांवों को जला दिया है। वर्मा की सेना उन पर हमले कर रही है। उन्हे देश छोड़कर भाग जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
कश्मीर में भी ऐसा ही हुआ था 
भारत के विभाजन के तुरंत बाद ही कश्मीर पर पाकिस्तान ने कबाइलियों के साथ मिलकर आक्रमण कर दिया और बेरहमी से कई दिनों तक कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार किए गए। उनके घर जला दिए गए। बेटियों के साथ रेप हुआ, पुरुषों की सरेआम हत्याएं कर दी गईं। उनका घर से निकलना और राशनपानी तक बंद कर दिया गया। 4 जनवरी 1990 को कश्मीर का यह मंजर देखकर कश्मीर से 1.5 लाख हिंदू पलायन कर गए। घाटी से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडित जम्मू और देश के विभिन्न इलाकों में में रहते हैं।

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