फर्जी सेलेरी स्लिप पर 17 लोगों को लोन बांट दिया

फर्जी सेलेरी स्लिप पर 17 लोगों को लोन बांट दिया

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नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक में से एक आईसीआईसीआई बैंक में लोन घोटाला सामने आया है। बैंक ने 17 ऐसे लोगों को 93.80 लाख रुपए का पर्सनल लोन दे दिया है जिन्होंने खुद को श्रम मंत्रालय का कर्मचारी बताया और फर्जी सेलेरी स्लिप प्रस्तुत की। लोन प्रक्रिया ऐजेंट के माध्यम से हुई। बैंक ने दस्तावेजों को किसी भी स्तर पर क्रॉसचैक नहीं किया और लोन बांट दिया। बाद में जब एक अधिकारी को पता चला कि इस तरह का फ्रॉड दूसरे बैंकों में हुआ है तो उसने यहां भी एहतियातन छानबीन की। इस छानबीन में 17 मामले सामने आए। पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जून 2016 में आई कंप्लेंट के एक साल बाद धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झंडेवालान स्थित वीडियोकॉन टावर में आईसीआईसीआई बैंक की ब्रांच है। बैंक के पर्सनल लोन डिपार्टमेंट में काम करने वाले मनोज कुमार उपाध्याय नामक शख्स ने क्राइम ब्रांच को बताया कि उनकी टीम को फरवरी 2016 में पता चला था कि मार्केट में एक ऐसा गैंग एक्टिव है, जो भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का कर्मचारी बताकर बैंक से पर्सनल लोन लेता है। बैंक की टीम ने जब अपने यहां चल रहे पर्सनल लोन की फाइलों को खंगाला तो 17 लोग ऐसे मिल गए जिन्होंने इसी तरह से फर्जीवाड़ा करके बैंक से 93.80 लाख का लोन लिया हुआ था।
लोन लेने के लिए इन्होंने बैंक में जो मंत्रालय से संबंधित कागजात लगाए थे, सभी फर्जी निकले। बैंक अधिकारियों द्वारा की गई छानबीन में यह भी पता चल गया कि लोन किसी बैंक से पास नहीं किए गए, बल्कि ये सभी लोन जनकपुरी डिस्ट्रिक्ट सेंटर में बैंक के डायरेक्ट सेलिंग एजेंट (डीएसए) द्वारा पास कराए गए। डीएसए का नाम एसआरडी फाइनैंस सर्विस है।

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