टैक्स असेसमेंट कौन करेगा करदाता को भी नहीं लगेगी भनक
टैक्स असेसमेंट कौन करेगा करदाता को भी नहीं लगेगी भनक
भोपाल। नोटबंदी और कालाधन स्वीकारो योजना के बाद आयकर विभाग अब बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। विभाग के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) विशेष सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है। नए साल से यह पूरी तरह काम करने लगेगा। इसके बाद असेसमेंट मेन्युअल के बजाए ऑनलाइन ही होगा। वह दिन भी दूर नहीं जब भोपाल-इंदौर अथवा रायपुर के करदाता का असेसमेंट चेन्नई में कोई बैठा अधिकारी कर रहा हो।
आयकर विभाग लंबे मंथन के बाद अपनी कार्यप्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने की तैयारी में जुट गया है। नए सॉफ्टवेयर के लिए टीसीएस के विशेषज्ञ आयकर अधिकारियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। चरणबद्ध तरीके से यह सिलसिला चल रहा है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि दिसंबर अंत तक नए सॉफ्टवेयर (इनकम टैक्स बिजनेस एप्लीकेशन) पर कामकाज ‘शिफ्ट’ कर दिया जाएगा। नए साल से यह व्यवस्था पूरी तरह लागू कर दी जाएगी। पुरानी व्यवस्था को विभाग अलविदा कर देगा। विभाग का ऐसा मानना है कि नई व्यवस्था से कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी। साथ ही करदाता को आयकर भवन के अनावश्यक चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उसे परेशानी एवं प्रताड़ना से भी मुक्ति मिलेगी।
सामने नहीं रहेगा अफसर
नई व्यवस्था में कर निर्धारण अधिकारी कौन होगा, यह करदाता को मालूम ही नहीं पड़ पाएगा। रेंज का दायरा अथवा ‘ज्यूरिडिक्शन’ का बंधन समाप्त हो जाएगा। विभाग देश भर में किसी भी अफसर को ‘रेंडमली’ कोई भी प्रकरण असेसमेंट के लिए आवंटित कर देगा।
जाहिर है सारा काम ऑनलाइन होने से फाइल कहीं अटकेगी नहीं। भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी खत्म हो जाएगी। आयकर अफसरों का कहना है कि विभाग देश भर में स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। इस व्यवस्था से अधिकारियों को ज्यादा समय मिल सकेगा जिससे नए करदाताओं को भी आयकर के दायरे में लाया जा सकेगा।
बढ़ सकते हैं अपील के मामले
नई व्यवस्था को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। बिल-वाउचर के सत्यापन का पुख्ता आधार नहीं रहेगा। करदाता के सामने नहीं होने से पूछताछ जैसी व्यवस्था में करदाता के हाव-भाव का पता नहीं चल पाएगा। इसके अलावा अपील के मामले भी बढ़ेंगे। असेसमेंट अधिकारी के सामने नहीं होने से छोटी आपत्ति पर भी लोग सीधे अपील में जाएंगे।
नए साल से नई व्यवस्था…
विभाग के लिए टीसीएस से नया सॉफ्टवेयर बनवाया गया है। अधिकारियों की ट्रेनिंग अभी जारी है। नए साल की शुरुआत से ही यह व्यवस्था पूरी तरह लागू हो जाएगी। – पतंजलि, प्रधान आयकर आयुक्त भोपाल
Source:Agency