Patwari Exam:आधी-अधूरी तैयारी के साथ प्रदेशभर में सवालों में PEB की पटवारी भर्ती परीक्षा
Patwari Exam:आधी-अधूरी तैयारी के साथ प्रदेशभर में सवालों में PEB की पटवारी भर्ती परीक्षा
सतना। आधी-अधूरी तैयारी के साथ प्रदेशभर में 9235 पदों के लिए 9 दिसंबर से शुरू हुई पटवारी परीक्षा सवालों में घिर गई है। ऑनलाइन पद्धति से होने जा रही इस परीक्षा से अचानक तकनीकी ऑब्जर्वर का पद समाप्त कर दिया गया है। अब तक व्यापमं की परीक्षाओं की तैनात रहने वाले तकनीकीऑब्जर्वर का काम परीक्षा संचालित कराने वाली कंपनी टीसीएस के क्वार्डिनेटर करेंगे, लेकिन इनका काम भी ऑब्जर्वेशन कम सपोर्ट ज्यादा होगा।
आधिकारिक तौर पर इस संबंध में आदेश जारी करने के बाद अब व्यापमं के अधिकारी इस पर कुछ स्पष्ट नहीं बोल पा रहे हैं। उनकी सफाई है कि तकनीकी दक्ष लोगों की कमी की वजह से ऐसा किया गया है। बहरहाल इस मामले को आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने सुनियोजित साजिश बताया है।
व्यापमं की पटवारी परीक्षा ऑनलाइन पद्धति से होने वाली है। अब तक व्यापमं की जो भी परीक्षा ऑनलाइन तरीके से होती थी उसमें बकायदे तकनीकी आब्जर्वर नियुक्त किए जाते थे। तकनीकी तौर पर दक्ष होने के कारण परीक्षा के एक दिन पूर्व केन्द्र की व्यवस्थाओं का तकनीकी निरीक्षण करने के साथ ही मॉक टेस्ट और ड्राई रन कराना होता था।
शासन के प्रतिनिधि के तौर पर ये तकनीकी ऑब्जर्वर मॉकटेस्ट में यह देखते थे कि जो जवाब दिया गया है उसके सही अंक मिल रहे हैं या नहीं। इसी तरह अन्य जांच भी इनके द्वारा की जाती थी। इसके अलावा परीक्षा अवधि में सर्वर तथा नोड्स के सुचारू क्रियान्वयन की स्थिति भी देखी जाती थी। लेकिन अब यह पद हट जाने से परीक्षा की तकनीकी निगरानी से प्रशासनिक हस्तक्षेप पूरी तरह से समाप्त हो गया है।
निजी कंपनी के भरोसे ऑब्जर्वेशन
इस मामले में परीक्षा की नोडल अधिकारी एवं डिप्टी कलेक्टर अंजली द्विवेदी से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि तकनीकी आब्जर्वर का पद समाप्त कर दिया गया है। साथ ही बताया कि इसके स्थान पर टीसीएस कंपनी के क्वार्डिनेटर यह काम देखेंगे। उन्होंने बताया कि उनका काम तकनीकी सपोर्ट का होगा। लेकिन यह सवाल अनुत्तरित रहा कि तकनीकी निगरानी के लिये प्रशासनिक दखल किसका होगा।
कैसे पकड़ेंगे ये खामी
परीक्षा केन्द्र या कक्ष में किसी भी बाहरी नेटवर्क या इंटरनेट से कोई भी कनेक्टिविटी किसी भी मीडिया (वायर्ड/वाई फाई/ मोबाइल) से यदि होती है तो सामान्य ऑब्जर्वर इसे नहीं पकड़ सकेंगे। जबकि तकनीकी ऑब्जर्वर इसे आसानी से पकड़ सकते थे। ऐसे में उसी केन्द्र में यदि एक सर्वर कनेक्टिविटी से कोई किसी कम्प्यूटर पर रिमोट पर लेकर छेडख़ानी करता है तो वह इन ऑब्जर्वर द्वारा नहीं पकड़ा जा सकेगा।
व्यापमं की सफाई
इस मामले में व्यापमं के संयुक्त नियंत्रक आलोक वर्मा से बात की गई तो बताया कि कहने को तो तकनीकी आब्जर्वर होते थे, लेकिन कई बार हमारे पास तकनीकी दक्ष लोग कम पड़ जाते थे। फिर उन्होंने यह सफाई दी कि ऐसा अनिवार्य नहीं है कि तकनीकी आब्जर्वर हटा दिये गये हैं। अगर नहीं मिल रहे हैं तब दूसरे लगाएंगे, लेकिन उनका यह कथन व्यापमं के जारी निर्देशों और स्थितियों से ठीक विपरीत दिखा।
साजिश है ये
इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट दुबे ने कहा कि पटवारी परीक्षा जब ऑनलाइन तरीके से हो रही है ऐसे में तकनीकी आब्जर्वर अनिवार्य तौर पर होना चाहिये। अब तक ऐसा होता भी रहा है। इस बार ऐसा किया जा रहा है तो इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि यह सुनियोजित साजिश हो। यह एक बड़ा खुलासा है। इसमें अपेक्षा है कि मुख्यमंत्री इसे तत्काल रोकें। इतने व्यापक पैमाने पर पद भरे जाने हैं ऐसे में यह पारदर्शिता पर बंदिश के साथ ही तकनीकि तौर पर सरकारी दखल अलग करना है।
यह दिये गये हैं निर्देश
4 दिसंबर को जारी पत्र क्रमांक/पीईबी/ प-1/50/ 7834/ 2017 में बताया गया है कि तकनीकी ऑब्जर्वर का पद समाप्त कर दिया गया है। अत: प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर अभ्यर्थी संख्या 500 तक न्यूनतम 2 ऑब्जर्वर एवं अभ्यर्थी संख्या 500 से अधिक होने पर प्रति 250 अभ्यर्थी संख्या पर 1 अतिरिक्त ऑब्जर्वर नियुक्त किया जा सकता है। सवाल इससे यह खड़ा हो गया है कि इनमें तैनात ऑब्जर्वर तकनीकी तौर पर दक्ष नहीं होने से तकनीकी खामी या गड़बड़ी को कैसे पकड़ सकेगा।