SC के पूर्व जज ने कहा, संविधान के बाद RSS देश की रक्षा करती है

SC  के पूर्व जज ने कहा, संविधान के बाद RSS देश की रक्षा करती है

 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस केटी थॉमस अपने बयान की वजह से चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के बाद सेना और आरएसएस भारतीयों को सुरक्षित रखता है। कोट्टयम में आरएसएस के कैंप में बोलते हुए जस्टिस थॉमस ने कहा कि अगर आपातकाल से देश को उबारने का श्रेय किसी संस्था को जाता है तो वह आरएसएस है, आपातकाल से आजादी आरएसएस ने ही लोगों को दिलाई थी।

जमकर की तारीफ
जस्टिस थॉमस ने कहा कि संघ अपने कार्यकर्ताओं के भीतर अनुशासन को स्थापित करता है, ताकि वह देश की सुरक्षा कर सके। सांप के पास भी जहर भी एक हथियार की तरह होता है जोकि उसकी दुश्मनों से रक्षा करता है। मैं आरएसएस की शिक्षा की तारीफ करता हूं, मुझे लगता है कि लोगों को फिजिकल ट्रेनिंग भी दुश्मनों से रक्षा के लिए है। मैं मानता हूं कि आरएसएस की यह फिजिकल ट्रेनिंग देश और समाज पर होने वाले हमले से बचाने के लिए है।

आपातकाल में अहम भूमिका
आरएसएस की तारीफ करते हुए जस्टिस थॉमस ने कहा कि अगर पूछा जाए कि भारत के लोग कैसे सुरक्षित हैं तो मैं कहुंगा देश में संविधान है, लोकतंत्र है, हमारी सेना है, लेकिन चौथे स्थान पर आरएसएस आता है। मैं इसलिए यह कह रहा हूं क्योंकि आरएसएस ने देश को आपातकाल से आजादी दिलाई थी। आरएसएस मजबूत है और काफी बेहतर तरीके से सुनियोजित संस्था है। आरएसएस की आपातकाल के खिलाफ सुनियोजित योजना की वजह से ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को यह समझ आ गया था कि वह इस तरह से लंबे समय तक नहीं आगे जा सकती हैं।

कई बार कर चुके हैं तारीफ
यह पहली बार नहीं है जब जस्टिस थॉमस ने आरएसएस को लेकर इस तरह का बयान दिया है, इससे पहले भी वह आरएसएस के पक्ष में बयान दे चुके हैं। उन्होंने इससे पहले कहा था कि आरएसएस के खिलाफ महात्मा गांधी की हत्या की साजिश में लिप्त होने को लेकर चलाए जा रहे अभियान को रोकने की भी अपील की थी। इससे पहले 2011, 2013, 2014 में भी थॉमस ने कहा था कि वह 1979 में आरएसएस के प्रशंसक हो गए थे जब वह कोजीकोड में जिला जज थे। थॉमस ने कहा कि मैं क्रिश्चियन हूं और इसी धर्म को मानता हूं, मैं चर्च जाने वाला क्रिश्चियन हूं लेकिन मैंने आरएसएस से भी बहुत कुछ सीखा है।

Source:Agency

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