HAMARA METRO
बड़वानी.
संसद के बजट सत्र में राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने अपने अतारांकित प्रश्न में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री से जानकारी मांगी और पूछा कि क्या सरकार नई और उभरती बीमारियों की पहचान और उपचार के सम्बंध में एक नई नीति लाने पर विचार कर रही है?
सांसद डॉ. सोलंकी के इस सवाल कालिखित जवाब देते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने लिखित जानकारी देकर बताया कि वर्ष 2017 में बनाई गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में स्वास्थ्य परिचर्या तक पहुंच बढ़ाकर, स्वास्थ्य परिचर्या प्रदायगी की लागत कम करके इसकी वहनीयता बढ़ाकर और समानता लाकर अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य परिचर्या सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। इस नीति में सभी विकासपरक नीतियों को निवारक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य परिचर्या सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। किसी भी भावी महामारी और प्रकोपो का कारगर ढंग से सामना तथा प्रबंधन करने के लिए जन स्वास्थ्य अवसरंचना को सुदृढ़ करने के लिएए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वस्थ्य अवसरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) की घोषणा 1 फरवरी 2021 को बजट 2021-22 में की गई थी। पीएम एबीएचआईएम केंद्रीय क्षेत्र के कुछ घटकों वाली केंद्र प्रायोजित स्किम है, जो मई 2020 में माननीय वित्त मंत्री द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए यथाघोषित आत्मनिर्भर भारत पैकेज के कार्यान्वयन के लिए हैए यह स्कीम पांच वर्षांे के लिए 64180 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री द्वारा वाराणसी उत्तर प्रदेश में 25 अक्टूबर 2021 को शुरू की गई थी। इस स्कीम का उद्देश्य स्वास्थ्य अवसरंचनाए सर्विलांस और स्वास्थ्य अनुसंधान को लेकर शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में विद्यमान गम्भीर कमियों को दूर करना है, ताकि समुदाय इस तरह की महामारी, स्वास्थ्य संकटों का प्रबंधन करने में आत्मनिर्भर बन सकें। यह वर्ष 2005 से अब तक कि जन स्वास्थ्य अवसरंचना की सबसे बड़ी अखिल भारतीय स्किम है।
इसी तरह संसद डॉ. सुमरसिंह सोलंकी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआरद्ध द्वारा कम पानी का प्रयोग कर अधिक पैदावार देने वाले संकर बीजों के विकास के लिए किए गए प्रयासों का ब्यौरा क्या है? यह सवाल भी पूछा।